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Leonardo Da Vinchi

By: Publication details: Gyan Ganga Prakashan 2022Description: HB:131Subject(s): DDC classification:
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आरंभिक जीवन :

लिओनार्दो दा विंची अपने आप में विरली प्रतिभा वाले विलक्षण व्यक्ति थे | यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा कि उनमे अकेले में दस व्यक्तियों की प्रतिभा छिपी हुयी थी | लिओनार्दो दा विंची का जन्म 15 अप्रैल 1452 को इटली के प्रसिद्ध शहर फ्लोरेंस के निकट विंची में हुआ था | उनके पिता एक प्रसिद्ध वकील थे और माँ विंची की ही किसी सराय में कभी नौकरानी रही थी| लिओनार्दो दा विंची का बचपन अपने दादा के घर में ही बीता था |

सन 1469 में लिओनार्दो दा विंची के पिता उनके साथ फ्लोरेंस आ गये जहा पर उनकी चाची ने उनकी कई वर्षो तक देखभाल की थी | फ्लोरेंस में ही उनकी शिक्षा दीक्षा पूर्ण हुयी थी | स्कूल से ही लिओनार्दो दा विंची की प्रतिभा सामने आने लगी थी जबकि गणित की मुश्किल से मुश्किल समस्याओ का समाधान वो चुटकियो में ही कर लेते थे | सन 1482 इस्वी तक उन्होंने विविध विषयों में शिक्षा प्राप्त कर ली थी | ऐसा माना जाता है कि Leonardo da Vinci लिओनार्दो दा विंची की माता ने वकील साहब के अवैध पुत्र को जन्म दिया था | अपने पुत्र को अपने उसके पिता को सुपुर्द कर उस महिला ने किसी भवन निर्माता से विवाह कर लिया था |

जब वो केवल 14 वर्ष के थे तभी अचानक उनके मन में मुर्तिया बनाने का शौक उभरा था | इस आयु में उन्होंने ऐसी मुर्तिया बनाई जिनकी सभी ने प्रशंशा की थी | जब उन्होंने अपनी शिक्षा पुरी कर ली थी तब उनके पास आय का कोई साधन नही था | बचपन में ही वे प्रकृति के मनोरम दृश्यों में खोये रहते थे । जीवों से इतना प्रेम था कि वे शाकाहारी थे ।

बाल्यकाल में ही उनकी पहचान वीरोचियो से हुई, जिनसे उन्होंने चित्रकला, मूर्तिकला, वास्तुकला, अभियान्त्रिकी कला का प्रशिक्षण प्राप्त किया । वीरोचियो उनकी इस लगन और परिश्रग को देखकर बहुत खुश हुए । समय के साथ-साथ लियोनार्डो ने अपने चित्रों में नवीन तकनीकी का इस्तेमाल किया । उन्होंने किसी वस्तु का चित्र वनाते समय उस पर पड़ने वाले प्रकाश और छाया का चित्र शी अलग-अलग कोणों तथा अलग-अलग मात्रा में इस प्रकार प्रस्तुत किया कि लोग दातों तले उंगली दबाने पर मजबूर छो जाते थे ।

लेओनार्डो ने छोटी उम्र से ही विविध विषयों का अनुशीलन प्रारंभ किया, किंतु इनमें से संगीत, चित्रकारी और मूर्तिरचना प्रधान थे। इनके पिता ने इन्हें प्रसिद्ध चित्रकार, मूर्तिकार तथा स्वर्णकार, आँद्रेआ देल वेरॉक्यो (Andrea del Verrochio), के पास काम सीखने की छत्रच्छाया में रहकर कार्य करते रहे और तत्पश्चात् मिलैन के रईस लुडोविको स्फॉत्र्सा (Ludovico Sforza) की सेवा में चले गए, जहाँ इनके विविध कार्यों में सैनिक इंजीनियरी तथा दरबार के भव्य समारोहों के संगठन भी सम्मिलित थे।

30 वर्ष की अवस्था में उन्होंने इटली के मिलान शहर जाकर वहा के शासक लुडविको सोर्जा के लिए न केवल दरबारी चित्रकारी की, बल्कि सेना के उपयोग के लिए पुल, नहर, नहरों का जाल, भाप द्वारा चलाई गयी तोपों का डिजाइन बनाने का कार्य भी किया । उन्होंने प्रसिद्ध पेंटिग लास्ट सपर तथा मोनालिसा गीले प्लास्टर से वाटरकलर द्वारा बनायी ।

पेरिस के म्यूजियम में सुशोभित मोनालिसा की डेढ़ इंची मुसकान वाली खूबसूरत पेंटिग को देखकर सभी उनकी प्रतिभा की प्रशंसा किये बिना नहीं रहते । लियोनार्डो ने इटली, रोम तथा फ्रांस में रहते हुए अनेक वारलु व चित्रकला के माडल तैयार किये । उन्होंने एक अलार्म घड़ी का आविकार किया । लैम्प स्ते लिए चिमनी तथा नीचे उतरने हेतु पैराशूट का निर्माण भी किया । वातानुकूलित संयन्त्र की तकनीक भी तैयार की । पानी में चल सकने वाले जूते, पैडल से चलने वाली नाव का डिजाइन भी तैयार किया ।

कार्य :

ऐसा जान पड़ता है कि लेओनार्डो चित्रकारी, वास्तुकला, शरीरसंरचना, ज्योतिष, प्रकाशिकी, जल-गति-विज्ञान तथा यांत्रिकी पर अलग अलग ग्रंथ लिखना चाहते थे, पर यह काम पूरा नहीं हुआ। इन विषयों पर इनके केवल अपूर्ण लेख या टिप्पणियाँ प्राप्य हैं। लेओनार्डों ने इतने अधिक वैज्ञानिक विषयों पर विचार किया था तथा इनमें से अनेक पर इनकी टिप्पणियाँ इतनी विस्तृत हैं कि उनका वर्णन यहाँ संभव नहीं है। ऊपर लिखे विषयों के अलावा वनस्पति विज्ञान, प्राणिविज्ञान, शरीरक्रिया विज्ञान, भौतिकी, भौमिकी, प्राकृतिक भूगोल, जलवायुविज्ञान, वैमानिकी आदि अनेक वैज्ञानिक विषयों पर इन्होंने मौलिक तथा अंत:प्रवेशी विचार प्रकट किए हैं। गणित, यांत्रिकी तथा सैनिक इंजीनियरी के तो ये विद्वान् थे ही, आप दक्ष संगीतज्ञ भी थे।

लियोनार्डो युद्ध के घोर विरोधी थे, पर विडंबना यह कि उन्हें हिंसक अस्‍‍त्र-शस्‍‍त्र, युक्‍तियाँ, उपकरण आदि तैयार करने पड़े। परिस्थितियाँ इतनी प्रतिकूल थीं कि उनके तमाम चित्र, मूर्तियाँ, मॉडल आदि अधूरे ही रह गए। उनके डिजाइन किए हुए शहर, नहरें, बाँध आदि कागजों पर ही चिपके रह गए। बाद के वैज्ञानिकों, कलाकारों, दार्शनिकों ने उन्हें अपना आदर्श माना और उनके बनाए स्कैचों, डिजाइनों, मॉडलों आदि को मूर्त रूप दिया। उस काल में की गई उनकी कल्पनाएँ—जैसे पनडुब्बी, हेलीकॉप्टर, टैंक, सर्पिल सीड़ियाँ, साफ-सुथरे शहर, अद‍्भुत खिलौने—आज साकार हो चुकी हैं।

रोचक तथ्य :

• लिओनार्दो दा विंची पहले ऐसे इंसान थे जिन्होंने आकाश का रंग नीला होने का सही कारण बताया था, ऐसा इसलिए क्योंकि हवा सूरज से आने वाली रौशनी को बिखेर देता है और नील रंग में बाकी रंगों की तुलना में फैलने की क्षमता अधिक होती है तो हमें दिन में आकाश नीला दिखाई देता हैं.
• लियोनार्डो दा विंसी एक ही समय में एक हाथ से लिख सकते थे और दूसरे हाथ से Drawing कर सकते थे.
• कैंची का अविष्कार करने वाले लिओनार्दो दा विंची ही थे.
• लियोनार्डो दा विंसी बहुत आसानी से शब्द को उल्टे क्रम में लिख लेते थे, जैसा हमें शीशे में लिखा हुआ दिखाई देता हैं. वो ऐसा तब लिखते थे जब कोई सीक्रेट बात लिखनी हो.
• Guinness World Record के अनुसार लियोनार्डो कि मोना लिसा कि पेंटिग इतिहास में सबसे ज्यादा Insurance Value वाली पेंटिग हैं. 1911 में पेरिस के Louvre म्यूजियम से चोरी होने के बाद यह सबसे फेमस तस्वीर बन गई. 2015 में इसकी कीमत 780 मिलियन US $ थी.
• एक Face-Recognition सॉफ्टवेर के अनुसार, लिओ दा विन्सी की मोना लिसा 83%खुश, 9% Disgusted, 6% डरी हुई व 2% गुस्से में हैं.
• लिओनार्डो ने मोना लिसा की आंख की दाई पुतली पर अपने हस्ताक्षर किये थे.
• उन्होंने सबसे पहले पैराशूट, हेलीकॉप्टर और ऐरोप्लेन स्केच तैयार किया था। उन्होंने सबसे पहली Repeating राइफल व टैंक भी डिजाईन किया था, और अगर इतना काफी नहीं है तो उन्होंने सबसे पहला झूलता पूल, Paddleboat व मोटरकार भी डिजाईन किये थे.

विचार :

• मैं उनसे प्रेम करता हूँ जो मुसीबत में मुस्कुरा सकें , जो संकट में शक्ति एकत्रित कर सकें , और जो आत्मचिंतन से साहसी बन सकें।
• जहाँ मैं सोचता था कि मैं जीना सीख रहा हूँ, वहीँ मैं मरना सीख रहा था।
• सादगी परम जटिलता है।
• एक अच्छी तरह से बिताया दिन सुखद नींद लेकर आता है |
• कला कभी ख़त्म नहीं होती , उसे बस त्याग दिया जाता है।
• सबसे बड़ी ख़ुशी समझने की ख़ुशी है।
• जैसे एक अच्छी तरह बिताया दिन सुखद नींद लेकर आता है , उसी तरह एक अच्छी तरह बिताया जीवन एक सुखद मौत लेकर आता है।
• मैं किसी काम को करने की तत्परता से प्रभावित हूँ। सिर्फ जानना पर्याप्त नहीं है ; हमें लागू करना चाहिए। इच्छा रखना काफी नहीं है ; हमें करना चाहिए।
• आंखें क्यों किसी चीज को जगे हुए कल्पना करने की तुलना में सपनों में ज्यादा स्पष्ठ्टा से देखती हैं?
• जहाँ आत्मा हाथों से काम नहीं करती वहाँ कोई कला नहीं है।
• वो जो सिद्धांत जाने बिना अभ्यास से प्रेम करता है , उस नाविक के समान है जो जहाज पर बिना पतवार और कम्पास के चढ़ जाता है और कभी नहीं जानता कि वो किधर जा सकता है।
• प्रकृति कभी अपने नियम नहीं तोड़ती।
• जो सदाचार बोता है वो सम्मान काटता है।
• समय उसके लिए लम्बे समय तक रहता है जो इसका इसका इस्तेमाल करता है।
• वो जो एक दिन में अमीर बनना चाहता है, उसे एक साल में फांसी पर लटका दिया जायेगा।
• जो आप नहीं समझते, यदि उसकी प्रशंशा करते हैं तो बुरा करते हैं, लेकिन अगर निंदा करते हैं तो और भी बुरा करते हैं।
• हर उस व्यक्ति के लिए समय की कोई कमी नहीं रहेगी जिसे समय का उपयोग करना आता है।
• शादी साँपों से भरे बैग में इस आशा के साथ हाथ डालना है कि मछली निकले।
• जिस जगह पर लोग चिल्ला कर या चीख कर बात करते है वहां सच्ची जानकारियां नहीं मिल सकती।
• आप अच्छे लीडर बनना चाहते है, ये सभी चाहते है कि लोग आपकी बात सुने तो ज्यादा बातचीत न करे। चुप्पी को हथियार बनाए।
• अनुपयोग से लोहा जंग खा जाता है, स्थिरता से पानी अपनी शुद्धता खो देता है… इसी तरह निष्क्रियता मस्तिष्क की ताकत सोख लेती है।
• विज्ञान, आर्मी का कप्तान और प्रैक्टिस, सैनिकों की तरह होती है।
• एक खूबसूरत शरीर ख़त्म हो सकता है, लेकिन एक आर्ट वर्क कभी खत्म नहीं होता।
• समय के साथ किसी भी चीज को जोड़ा जा सकता है, वह सच ही हो सकता है

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